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Wednesday 8 April 2015

जीना जीना / jeena jeena (badlapur)

ह्म.. ह्म...

दहलीज़ पे मेरे दिल की
जो रखे हैं तूने कदम
तेरे नाम पे मेरी ज़िंदगी
लिख डी मेरे हुमदूम

हां सीखा मैने जीना जीना कैसे जीना
हा सीखा मैने जीना मेरे हुमदूम
ना सीखा कभी जीना जीना कैसे जीना
ना सीखा जीना तेरे बिना हुमदूम

दहलीज़ पे मेरे दिल की
जो रखे हैं तूने कदम
तेरे नाम पे मेरी ज़िंदगी
लिख दी मेरे हुमदूम

हा सीखा मैने जीना जीना कैसे जीना
हा सीखा मैने जीना, मेरे हुमदूम
ना सीखा कभी जीना जीना कैसे जीना
ना सीखा जीना तेरे बिना हुमदूम

ह्म.. ह्म..

सॅकी सी हैं यह तारीफें
दिल से जो मैने करी हैं...

स्च्ची सी हैं यह तारीफें
दिल से जो मैने करी हैं...

जो तू मिला तो सजी हैं
दुनिया मेरी हुमदूम
ओ आस्मा मिला ज़मीन को मेरी
आधे आधे पूरे  हैं हम
तेरे नाम पे मेरी ज़िंदगी
लिख दी मेरे हुमदूम

हा सीखा मैने जीना जीना, कैसे जीना
हा सीखा मैने जीना, मेरे हुमदूम
ना सीखा कभी जीना जीना कैसे जीना
ना सीखा जीना तेरे बिना हुमदूम

ह्म... ह्म.

रंजिश ही सही - Ranjish Hi Sahi (Mehdi Hasan)


Lyrics By: अहमद फ़राज़
Performed By: मेहदी हसन
Taal: दादरा

रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिये आ

अब तक दिल-ए-खुशफ़हम को हैं तुझ से उम्मीदें
ये आखिरी शम्में भी बुझाने के लिये आ
रंजिश ही सही...

इक उम्र से हूँ लज्ज़त-ए-गिरया से भी महरूम
ऐ राहत-ए-जां मुझको रुलाने के लिये आ
रंजिश ही सही...

कुछ तो मेरे पिन्दार-ए-मोहब्बत का भरम रख
तू भी तो कभी मुझ को मनाने के लिये आ
रंजिश ही सही...

माना के मोहब्बत का छुपाना है मोहब्बत
चुपके से किसी रोज़ जताने के लिए आ
रंजिश ही सही...

जैसे तुम्हें आते हैं ना आने के बहाने
ऐसे ही किसी रोज़ न जाने के लिए आ
रंजिश ही सही...

पहले से मरासिम ना सही फिर भी कभी तो
रस्म-ओ-रहे दुनिया ही निभाने के लिये आ
रंजिश ही सही...

किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से खफा है तो ज़माने के लिये आ
रंजिश ही सही...

सिंदबाद द सेलर - Sindbad The Sailor (Farhan Akhtar)


Movie/Album - रॉक ऑन (2008)
Music By - शंकर एहसान लॉय
Lyrics By - जावेद अख्तर
Performed By - फरहान अख्तर




सिंदबाद द सेलर एक जहाज़
में जब चला
मेरे यार सुनलो सुनलो
ढूँढ रहा था एक नयी दुनिया का पता
मेरे यार सुनलो सुनलो

वो अनजाने राहों में था
वो लहरों की बाहों में था
सब ने कहा था इन समन्दरों में जाना नहीं
मेरे यारों सुनलो सुनलो

ख़्वाबों के पीछे जा के कुछ भी है पाना नहीं
मेरे यार सुनलो सुनलो
वो अपनी ही धुन में रहा
वो सुनता था दिल का कहा
उसके थे जो सपने वही उसके थे अपने
ऐसा था सिंदबाद द सेलर

उसका जहाज़ घिरा तूफानों में
मेरे यारों सुनलो सुनलो
फ़िर भी ना आई कमी उसके अरमानों में
मेरे यारों सुनलो सुनलो
वो दीवाना ऐसा ही था
वो सपनों का हमराही था
उसके थे जो सपने वही थे उसके अपने
ऐसा था सिंदबाद द सेलर

वो कुछ पाने की चाह में
वो बढ़ता रहा राहों में
गहरा समंदर था
ऊँची ऊँची लहरें
मेरे यारों सुनलो सुनलो
कश्तियाँ जिनमें की मुश्किल से ठहरें
मेरे यारों सुनलो सुनलो
वो साहिल तक आ ही गया
वो मंजिल को पा ही गया
उसके थे जो सपने वही थे उसके अपने
ऐसा था सिंदबाद द सेलर

तुम हो तो गाता है दिल
तुम नहीं तो गीत कहाँ
तुम हो तो है सब हासिल
तूम नहीं तो क्या है यहाँ
तुम हो तो है सपनों के जैसा हसीं
एक समां
जो तुम हो तो ये लगता है
की मिल गई हर खुशी
जो तुम ना हो तो ये लगता है
की हर खुशी में है कमी
तुमको है मांगती
ये ज़िन्दगी ...

पिछले सात दिनों में - Pichle Saat Dinon Mein (Farhan Akhtar)


Movie/Album - रॉक ऑन (2008)
Music By - शंकर एहसान लॉय
Lyrics By - जावेद अख्तर
Performed By - फरहान अख्तर

मेरी लॉन्ड्री का एक बिल
इक आधी पढ़ी नॉवेल
एक लड़की का फ़ोन नम्बर
मेरे काम का एक पेपर
मेरे ताश से हर्ट का किंग
मेरा इक चांदी का रिंग
पिछले सात दिनों में मैंने खोया
कभी ख़ुद पे हंसा मैं
और
कभी ख़ुद पे रोया

प्रेसेंट मिली एक घड़ी
प्यारी थी मुझे बड़ी
मेरी जेब का एक पैकेट
मेरी डेनिम की जैकेट
दो वन-डे मैच के पासेस
मेरे नए नए सनग्लासेस
पिछले सात दिनों में मैंने खोया

कैसे, भूलूं, सातवाँ जो दिन आया
किसी ने, तुमसे, इक पार्टी में मिलवाया
कैसा, पल था, जिस पल मैंने तुमको पहली बार देखा था
हम जो मिले पहली बार
मैंने जाना क्या है प्यार
मैंने होश भी खोया दिल भी खोया
कभी ख़ुद पे हंसा मैं
और
कभी ख़ुद पे रोया
मैंने पिछले सात दिनों में मैंने खोया
ये सब है, खोया..

रॉक ऑन - Rock On (फरहान अख्तर)


Movie/Album - रॉक ऑन (2008)
Music By - शंकर एहसान लॉय
Lyrics By - जावेद अख्तर
Performed By - फरहान अख्तर

दिल क्या कहता है मेरा
क्या मैं बताऊँ
तुम ये समझोगे शायद
मैं पागल हूँ

दिल करता है टीवी टावर पे
मैं चढ़ जाऊं
चिल्ला चिल्ला के मैं ये
सबसे कह दूँ

रॉक ऑन
है ये वक्त का इशारा
रॉक ऑन
हर लम्हा पुकारा
रॉक ऑन
यूँ ही देखता है क्या तू
रॉक ऑन
ज़िन्दगी मिलेगी ना दोबारा

दिल करता है सड़कों पर
ज़ोर से गाऊँ
सब अपने अपने घर की खिड़की खोलें
फिर मैं ऐसे जोशीले गीत सुनाऊँ
मेरे गीतों को सुनके सब ये बोलें

जैसे जीने को दिल चाहे
जी वैसे तू
मेरी तो है बस ये राय की
अपने जितने भी अरमान
हैं पूरे कर ले तू

सोचा है - Socha Hai (Farhan Akhtar)


Movie/Album : रॉक ऑन (2008)
Music By : शंकर एहसान लॉय
Lyrics By : जावेद अख्तर
Performed By : फरहान अख्तर

आसमां है नीला क्यूँ, पानी गिला गिला क्यूँ
गोल क्यों है ज़मीन
सिल्क में है नरमी क्यूँ, आग में है गर्मी क्यूँ
दो और दो पाँच क्यों नहीं
पेड़ हो गए कम क्यों, तीन है ये मौसम क्यूँ
चाँद दो क्यूँ नहीं
दुनिया में है ज़ंग क्यूँ, बहता लाल रंग क्यूँ
सरहदें है क्यूँ हर कहीं
सोचा है, ये तुमने क्या कभी
सोचा है, की है ये क्या सभी
सोचा है, सोचा नही तो सोचो अभी

बहती क्यूँ है हर नदी, होती क्या है रोशनी
बर्फ गिरती है क्यूँ
लड़ते क्यूँ हैं रुठते तारे क्यूँ हैं टूटते
बादलों में बिजली है क्यूँ
सोचा है, ये तुमने क्या कभी
सोचा है, की है ये क्या सभी
सोचा है, सोचा नही तो सोचो अभी

सन्नाटा सुनाई नहीं देता, और हवाएं दिखायी नहीं देती
सोचा है क्या कभी, होता है ये क्यूँ